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मसूरी में रात का नज़ारा और भी ज़्यादा खूबसूरत है | Night Ride In On Scooty | Mussoorie Night Ride

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تم نشره في 2022/01/20

#INSTAGRAM = Captain007ap1 = https://instagram.com/captain007ap1? u... PLEASE USE YOUR EARPHONES ;) Hii Friends Iam AJIT POKHRIYAL , Here iam present to you a symphony of and from mountains from bottom of our heart and soul. Hope you all love this creation as you all have loved our previous ones. मसूरी भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के मध्य हिमालय श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। निकटवर्ती लैंढ़ौर कस्बा भी बार्लोगंज और झाड़ीपानी सहित वृहत या ग्रेटर मसूरी में आता है। इसकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से 2005 मी. (6600 फ़ीट) है, जिसमें हरित पर्वत विभिन्न पादप-प्राणियों समेत बसते हैं। उत्तर-पूर्व में हिम मंडित शिखर सिर उठाये दृष्टिगोचर होते हैं, तो दक्षिण में दून घाटी और शिवालिक श्रेणी दिखती है। इसी कारण यह शहर पर्यटकों के लिये परीमहल जैसा प्रतीत होता है। मसूरी गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है। देहरादून में पायी जाने वाली वनस्पति और जीव-जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं। दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए यह लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है। बहुत ही सुदंर नगर है । मसूरी का इतिहास सन 1825 में कैप्टन यंग, एक साहसिक ब्रिटिश मिलिट्री अधिकारी और श्री.शोर, देहरादून के निवासी और अधीक्षक द्वारा वर्तमान मसूरी स्थल की खोज से आरम्भ होता है। तभी इस छुट्टी पर्यटन स्थल की नींव पड़ी, जिसके अभी तक भी कुछ ही विकल्प कहलाते हैं। 1827 में एक सैनिटोरियम बनवाया गया, लैंढ़ौर में, जो आज कैन्टोनमैन्ट बन चुका है।[1], कर्नल एवरेस्ट ने यहीं अपना घर बनाया 1832 में और 1901 तक यहां की जनसंख्या 6461 थी, जो कि ग्रीष्म ऋतु में 15000 तक पहुंच जाती थी। पहले मसूरी सड़क द्वारा सहारनपुर से गम्य था, 58 कि.मि.दूर। सन 1900 में इसकी गम्यता सरल हो गयी यहां रेल के आने से, जिससे सड़क मार्ग छोटा होकर केवल 21 कि॰मी॰ रह गया।}}.[2] इसके नाम के बारे में प्रायः लोग यहां बहुतायत में उगने वाले एक पौधे ”’मंसूर”’ को इसके नाम का कारण बताते हैं, जो लोग, अभी भी इसे मन्सूरी कहते हैं। मसूरी नगरपालिका का गठन 1873 के अधिनियम पन्द्रह के तहत किया गया था।[3] इससे पूर्व 1842-43 में प्रयोग के तौर पर नगरपालिका बनायी गयी थी किन्तु यह प्रयास असफल रहा। Haridwar is a city and municipal corporation in the Haridwar district of Uttarakhand, India. With a population of 228,832 in 2011, it is the second-largest city in the state and the largest in the district.[3] The city is situated on the right bank of the Ganges river, at the foothills of the Shivalik ranges.[4] Haridwar is regarded as a holy place for Hindus, hosting important religious events and serving as a gateway to several prominent places of worship. Most significant of the events is the Kumbha Mela, which is celebrated every 12 years in Haridwar. During the Haridwar Kumbh Mela, millions of pilgrims, devotees, and tourists congregate in Haridwar to perform ritualistic bathing on the banks of the Ganges to wash away their sins to attain moksha. #Mussoorie #MussoorieToHaridwar #Haridwar #MussoorieRoadTrip

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